चंद्रशेखर ने मायावती को दी चुनौती, अकेले लड़ेगा आज़ाद समाज पार्टी!

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने झांसी में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और भाजपा पर तीखा हमला किया। उन्होंने मायावती को राजनीतिक रूप से कमजोर बताते हुए कहा कि बहुजन समाज अब नए नेतृत्व की तलाश में है। भाजपा पर भी आरोप लगाया कि वह वंचित वर्गों को पीछे रखने की रणनीति पर काम कर रही है।

अब क़ीमत चुकाओगे, तेहरान! इसराइली मंत्री की आग उगलती चेतावनी

बहुजन वोट बैंक पर चंद्रशेखर की दावेदारी

उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। अब तक यह वोट बैंक बसपा के पक्ष में माना जाता था, लेकिन चंद्रशेखर आज़ाद ने इसे अपने पक्ष में करने के लिए मैदान में उतरने का ऐलान किया है। उन्होंने खुद को बहुजन समाज के नए प्रतिनिधि के रूप में पेश किया है।

मायावती पर सीधा हमला

चंद्रशेखर ने सम्मेलन में कहा, “बहुजन समाज अब मायावती पर विश्वास नहीं करता।” उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती के नेतृत्व में बसपा कमजोर हुई है और बहुजन हितों की उपेक्षा हुई है। यह बयान बसपा की राजनीति में बदलाव का संकेत माना जा रहा है।

भाजपा को भी नहीं छोड़ा

भाजपा पर भी चंद्रशेखर ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां हमेशा से वंचित वर्गों को पीछे रखने की रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा बहुजन समाज को ऊपर उठते नहीं देखना चाहती।

सम्मेलन में दिखा जोश, बसपा खेमे में हलचल

झांसी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बड़ी संख्या में समर्थकों की भीड़ उमड़ी। बताया जा रहा है कि बसपा से जुड़े कई पुराने कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए, जिससे बसपा खेमे में बेचैनी बढ़ गई है।

बसपा की प्रतिक्रिया: चंद्रशेखर को बताया ‘बरसाती मेंढक’

हालांकि बसपा की ओर से इस सम्मेलन को लेकर तत्काल कोई बयान नहीं आया, लेकिन कुछ दिन पहले मायावती ने अप्रत्यक्ष रूप से चंद्रशेखर पर तंज कसते हुए उन्हें “बरसाती मेंढक” कहा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि चंद्रशेखर जैसे नेता विरोधी दलों के इशारे पर काम करते हैं और बहुजन समाज को गुमराह करते हैं।

2024 की जीत से बढ़ी सियासी ताकत

2024 लोकसभा चुनाव में नगीना सीट से मिली जीत के बाद चंद्रशेखर आज़ाद की राजनीतिक स्थिति और मजबूत हुई है। खासकर दलित युवाओं में उनकी लोकप्रियता में तेजी आई है। जमीन से जुड़ी उनकी राजनीति और आक्रामक तेवरों ने उन्हें एक प्रभावी दलित नेता के रूप में स्थापित कर दिया है।

2027 की तैयारी और रणनीति साफ

चंद्रशेखर ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी 2027 के यूपी चुनाव में सभी सीटों पर दमखम से लड़ेगी और किसी भी बड़े राजनीतिक दल से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “हम पंचायत से लेकर विधानसभा तक की हर लड़ाई लड़ेंगे और बहुजन समाज को सत्ता में लाकर रहेंगे।”

राजनीतिक भविष्य का संकेत

उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुजन वोट बैंक को लेकर जंग तेज हो चुकी है। चंद्रशेखर आज़ाद अब सीधे मायावती को चुनौती दे रहे हैं और खुद को बहुजन समाज का नया नेतृत्व पेश कर रहे हैं। आने वाले महीनों में यह टकराव राज्य की राजनीति में अहम मोड़ ला सकता है।

राजा रघुवंशी हत्याकांड: हत्या में इस्तेमाल मच्छेटा बरामद

Related posts